किंतु, सखाय, राक्षसी सम है, नृत्य, उसी की, अभिलाषा किंतु, सखाय, राक्षसी सम है, नृत्य, उसी की, अभिलाषा
बनाया था साथी दर्द का सबब बन गया, दर्द का। बनाया था साथी दर्द का सबब बन गया, दर्द का।
कुछ वो कह ना पाते है, जो हमे जीना सिखाते है। एक कोने में वृद्धा लेटी हुई , ओढ़े चादर फटी हुई। कुछ वो कह ना पाते है, जो हमे जीना सिखाते है। एक कोने में वृद्धा लेटी हुई , ओढ़...
गवारा नहीं मुझे कि तुम हर पल परखते रहो सवालों के कटघरे में खड़े करते रहो मुझे गवारा नहीं मुझे कि तुम हर पल परखते रहो सवालों के कटघरे में खड़े करते र...
इसी को दिया है नाम विवाह का हमने-तुमने और समाज ने। इसी को दिया है नाम विवाह का हमने-तुमने और समाज न...
प्रेम की परिभाषा को बदल, सुंदरता को ताक़त का स्तंभ दे और पंखों को खोल, तेरी ऊँची उड़ान देख प... प्रेम की परिभाषा को बदल, सुंदरता को ताक़त का स्तंभ दे और पंखों को खोल, त...